बालो को झड़ने से रोकना है, तो घर पर करे ऑयल तैयार

अगर आप के बल बहुत ज्यादा झड़ते है तो आज हम आप को बताने जा रहे है की इन को कैसे रोका जाये ,आप इस पोस्ट को ध्यान से पड़े और जो बताया जा रहा रहा बो करे ,आप के बाल बिलकुल झड़ना बंद हो जायेगे.

1. कटोरी – आप के सब से पहले एक साफ सी कटोरी लेनी होगी , कटोरी चाहे किसी भी हो बो ले सकते है.

2. शुद्ध सरसो का ऑयल – सरसो के ऑयल में बिटामिन E के साथ आयरन, केल्सियम और मैगेसियम की मात्रा बहुत होती है ये हमरे बालो को मजबूत बनती है इस के मात्रा आप अपने बालो हिसाब से सकते है.


3. बिटामिन E कैप्सूल – ये हमारे बालो को जड़ से मजबूत बनता है इस की जगह आप हेयर अल्मोड़ ऑयल का भी प्रयोग कर सकते है कैप्सूल आप अपने बालो के हिसाब से एक या दो ले सकते है.


4. अरंडी का ऑयल -इस ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंट-एजिंग व एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं ये हमरे खून का संचार बढ़ाता है जो हमारे नये बाल उगने में सहायता करता है ये सरसो के ऑयल के आधी मात्रा में लेना है.


बनाने की विधि – सब से पहले हमने जो कटोरी ली है उस में सरसो के ऑयल की लगे उस के बाद एक या दो कैप्सूल फोड़ के डालेंगे , उस के बाद अरंडी के ऑयल को डालेंगे.

इस के बाद एक कटोरी से बड़ा बर्तन ले कर उस में गरम पानी लगे क्युकी इस मिक्सर को हमें आग पर गरम न कर के गरम पानी के सहारे से गरम करना होगा जिस से इस का कच्चा पन ख़तम हो जाये.

हलका गरम होने के बाद इसे देखे उगली दाल के की अब हम ऐसे लगा सकते है क्या बालो पर.

लगाने की बिधि – इसे या तो रात में लगा कर सोये या नहाने से 2 घंटे पहले लगाए, इसे हमें लगते समय ये याद रखना है की नाख़ून के सहारे से नहीं लगाना है इसे हम अपनी उगली के ऊपरी हिस्से से हलके हलके कर के लगाना है य बालो की जड़ो तक अच्छे से पहुंच जाये.

इसे हप्ते में काम से काम दो बार उसे करे और बालो में किसी साबुन का प्रयोग न करे या तो बिना साबुन के धोये या कोई नॉर्मल सम्पू का उपयोग करे.

*आप को अच्छा लगे तो अपने दोस्तों के साथ इस पोस्ट को शेयर करे और कमेंट बॉक्स में मुझे भी बताने की कोसिस करे.*

 

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खामोश बेटी की आवाज

बेटी बनकर आई है। मां बाप के आंगन में कल बसेरा होगा किसके आंगन में आखिर क्यूं? ये रीत भगवान ने बनाई है, कहते हैं आज नहीं तो कल तू पराई होगी। देके जन्म पल पोसकर जिसने हमें बड़ा किया।वक्त आने पर उन्ही हाथो ने हमें विदा किया। बिखर कर रह जाती है हमारी जिंदगी। फिर उस बंधन में हमें प्यार मिले ये जरुरी तो नहीं। क्यूं हमारा रिश्ता इतना अजीव होता है। क्या यही हम बेटियों का नसीब होता है।घर जहां बेटियों का जन्म होता है। दुनियां में आते ही मानो सबके चेहरे मुरझा से गए हों। उसी भेदभाव के साथ की लड़की है,एक दिन बड़े होकर किसी का घर संभालना है,और इसी सोच के साथ उसे शिक्षा से भी दूर रखा जाता है। किताबों के बदले उसे घर के कामों का बोझ सौप दिया जाता हैं। उसके सारे अरमान जो एक उज्जवल भविष्य बनाने के होते हैं।वही अरमान उसी आग में दफन हो जाते हैं। क्या बेटियों को इतना भी हक नहीं दिया गया।की वो अपने परिवार के लिए और उनके साथ आत्म निर्भर बने और बेटा बनकर अपने परिवार को सहयोग करे। जिस परिवार में बेटे नहीं होते उस परिवार में बेटी हो तो कोन सहारा बनेगा उसके मां बाप का। तब वही बेटी या बहू बनकर अपना परिवार संभालती है।चाहें वो मेहनत या मजदूरी करे या कुछ भी अपना फर्ज निभाती है। तो फिर क्यूं ना उसे पड़ा लिखा कर काबिल बनाए आज भी कुछ लोग हैं।जो बेटियों को बोझ समझते हैं।आज भी अधिकांश लोग बेटो को ही सारे हक देते हैं।चाहे वो अपनी जिम्मेदारी समझे या ना समझे या मां बाप के पैसों का गलत उपयोग करें।पर उनकी हर गलतियों को माफ किया जाता हैं। बेटी कभी अपने मां बाप को टूटता नहीं देख सकती वो अपनी सारी खुशियों को मिटा कर अपने परिवार का ध्यान रखती हैं।अपनी जिम्मेदारियों को समझती है,और निभाती भी है,वो दो परिवारों को समेट कर चलती है।अपनी तकलीफ कभी किसी को महसूस तक नहीं होने देती हैं। ऐसी होती हैं,