घर में ही फेस पैक बनाये और फेस को चमकाएं

अब हम जानते है की घर बैठे फेस पैक कैसे बनाये. तो दोस्तों इस के लिए हमें कुछ भी ऐसी चीज़ की जरुरत नहीं है जो की हमें कही भाग दौड़ के इक्कट्ठा करने की जरूरत हो ये फेस पैक हमारे घर में जो नार्मल सामान होता है उसी से बनाया जा सकता है.

1. इस के लिए सब से पहले हमें एक खली बर्तन की जरूरत की जरुरत होती है. बो बरतन चाहे किसी का भी हो शीशे का हो स्टील का हो जो भी है बही काम करेगा.


2 . इस के बाद हमरे सब के घर में थोड़ा बहुत बेसन तो मिल ही जाता है तो हमें दो चम्मच बेसन लेना है बेसन हमारी स्कीन को लाइट करता है यानि की चमक लता है जिसे हमारे फेस पर बहुत सारी धुल मिट्टी आ जाती है तो बेसन उसे हटाने में हमारी मदद करता है.


3. इस के बाद आप को १ से डेड चम्मच दही लेना है दोस्तों ये भी आसानी से में मिल जाता है ये हमारी त्वचा को हेल्दी बनता है.

4. अब हमें थोड़ी सी मात्रा में हल्दी लेनी होगी हल्दी भी कोई ऐसी चीज़ नहीं जो किसी घर में न हो ,हल्दी में ऐंटिसेप्किट और ऐंटी-बैक्टीरियल खूबियां होती हैं तो ये भी हमारी त्वचा को निखरता है.

5. ये हमारी इस पैक के लिए लास्ट आवशयकता है ये है नीबू दोस्तों ये भी हम घर में सब्जी के साथ जरूर लाते ही है तो ये कह सकते है ये भी हमरे घर में आसानी से मिल ही जाता है ,जहां नींबू एक एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ−साथ नेचुरल ब्लीच का काम करता है त्वचा प्राकृतिक बिलीचिंग का काम करता है
इन सब की मात्रा आप अपने फेस के अहिसब से ले सकते है अब हम आप को बताते है की इन का पेस्ट कैसे बनाते है.

सब से पहले हमें कटोरी में बेसन को डालेंगे , उस के बाद हम दही को डालेंगे , इस के बाद हल्दी को डालेंगे और इस के बाद हम आधा नीबू निचोड़ लगे , अब इन सब को अच्छे से मिला लो क्युकी आप इस पेस्ट को जितना स्मूथ बना लगे उतना आसानी होगी इसे लगाने में.


इसे आप फेस पर हाथ से ही लगा सकते है क्युकी ये प्राकृतिक फेसपैक है तो इसे हलके हलके हाथ से शीशे की सहायता से पुरे फेस पर लगा सकते है लगाने के बाद इसे आप को अपने फेस पर लगभग 15 से 20 मिनट लगा कर रखे और अपने काम करते रहे।

15 से 20 मिनट बाद आप अपने फेस को ठन्डे पानी से धो ले और फिर देखे आप को खुद अपने फेस पर कितना चेंज दिखने लगेगा
दोस्तों इस प्रकिया को आप को हप्ते में कम से कम 2 या 3 बार प्रयोग करे

ये सब उसे के बाद आप कमेंट बॉक्स में जरूर बताना की आप को कितना लाभ मिला
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खामोश बेटी की आवाज

बेटी बनकर आई है। मां बाप के आंगन में कल बसेरा होगा किसके आंगन में आखिर क्यूं? ये रीत भगवान ने बनाई है, कहते हैं आज नहीं तो कल तू पराई होगी। देके जन्म पल पोसकर जिसने हमें बड़ा किया।वक्त आने पर उन्ही हाथो ने हमें विदा किया। बिखर कर रह जाती है हमारी जिंदगी। फिर उस बंधन में हमें प्यार मिले ये जरुरी तो नहीं। क्यूं हमारा रिश्ता इतना अजीव होता है। क्या यही हम बेटियों का नसीब होता है।घर जहां बेटियों का जन्म होता है। दुनियां में आते ही मानो सबके चेहरे मुरझा से गए हों। उसी भेदभाव के साथ की लड़की है,एक दिन बड़े होकर किसी का घर संभालना है,और इसी सोच के साथ उसे शिक्षा से भी दूर रखा जाता है। किताबों के बदले उसे घर के कामों का बोझ सौप दिया जाता हैं। उसके सारे अरमान जो एक उज्जवल भविष्य बनाने के होते हैं।वही अरमान उसी आग में दफन हो जाते हैं। क्या बेटियों को इतना भी हक नहीं दिया गया।की वो अपने परिवार के लिए और उनके साथ आत्म निर्भर बने और बेटा बनकर अपने परिवार को सहयोग करे। जिस परिवार में बेटे नहीं होते उस परिवार में बेटी हो तो कोन सहारा बनेगा उसके मां बाप का। तब वही बेटी या बहू बनकर अपना परिवार संभालती है।चाहें वो मेहनत या मजदूरी करे या कुछ भी अपना फर्ज निभाती है। तो फिर क्यूं ना उसे पड़ा लिखा कर काबिल बनाए आज भी कुछ लोग हैं।जो बेटियों को बोझ समझते हैं।आज भी अधिकांश लोग बेटो को ही सारे हक देते हैं।चाहे वो अपनी जिम्मेदारी समझे या ना समझे या मां बाप के पैसों का गलत उपयोग करें।पर उनकी हर गलतियों को माफ किया जाता हैं। बेटी कभी अपने मां बाप को टूटता नहीं देख सकती वो अपनी सारी खुशियों को मिटा कर अपने परिवार का ध्यान रखती हैं।अपनी जिम्मेदारियों को समझती है,और निभाती भी है,वो दो परिवारों को समेट कर चलती है।अपनी तकलीफ कभी किसी को महसूस तक नहीं होने देती हैं। ऐसी होती हैं,