एक प्यार करने बाले जोड़े की कहानी

लड़की अपने बॉयफ्रेंड से पूछती है – अच्छा किसी दूसरे लड़के से मेरी शादी हो जाए तो तुम क्या करोगे

लड़का – तुम्हें भूल जाऊंगा (लड़के ने बहुत छोटा सा जवाब दिया )

ये सुनकर लड़की गुस्से में दूसरी तरफ घूम कर बैठ गई फिर लड़के ने कहा – सबसे बड़ी बात कि तुम मुझे भूल जाओगी जितना जल्दी मैं तुम्हें भुला सकूंगा उससे ज्यादा जल्दी तुम मुझे भुला दोगी ! कैसे? लड़की ने पूछा

लड़के ने बोलना शुरू किया – “सोचो शादी का पहला दिन है तुम एक तरह के घर में हो शरीर पर जेवर चेहरे पर मेक अप चारों तरफ कैमरे का फ्लैश और लोगों की भीड़ जहां तुम मुझे चाह कर भी याद नहीं कर सकती!

“और मैं तुम्हारी शादी की खबर सुनकर दोस्तों के साथ कुछ उटपटांग पी कर किसी कोने में पड़ा रहूंगा और फिर जब मुझे होश आएगा तब मैं तुम्हें धोखेबाज बेवफा बोलकर गाली दूंगा ! ”

“फिर जब तुम्हारी याद आएगी तो दोस्त के कंधे पे सर रख कार के रो लूंगा ! ”

शादी के बाद तुम्हारा बिजी टाइम शुरू फिर तुम अपने पति और हजार तरह के रस्मों को निभाने में बिजी रहोगी. फिर कभी कभी तुम्हें मेरी याद आएगी जब तुम अपने पति का हाथ पकड़ोगी उसके साथ बाइक पर बैठोगी!

“और मैं आवारा की तरह इधर उधर घूमता रहूंगा जैसे जिंदगी का कोई मकसद ही नहीं और अपने दोस्तों को समझाऊंगा कि “कभी प्यार मत करना कुछ नहीं मिलता जिंदगी खतम हो जाती है प्यार के चक्कर में

कुछ वक्त बाद तुम पति के साथ हनीमून पर जाओगी नया घर होगा शॉपिंग होगी नयी जिम्मेदारियां

अब तुम बहुत खुश हो अचानक तुम्हें मेरी याद आएगी और तुम सोचोगी. “पता नहीं किस हाल में होगा और मेरी खुशी की दुआ मांगते हुए वापस अपने परिवार में बिजी हो जाओगी!

मैं अब तक मम्मी पापा भाई या फिर दोस्तों से डांट सुन सुन कर लगभग सुधर गया हूं सोच लिया अब कोई काम करना है एक अच्छी सी लड़की से शादी करके तुम्हें भी दिखा देना है और सबको यही बोलूंगा कि भुला दिया है मैंने तुम्हें लेकिन तब भी मैं तुम्हारे मैसेजेस को आधी रात को निकाल कर पढूंगा और सोचूंगा शायद मेरे प्यार में ही कमी थी जो तुम्हें न पा सका फिर अपनी तकलीफ को कम करने की कोशिश करूंगा

2 साल बाद अब तुम कोई प्रेमिका या नई दुल्हन नहीं रही अब तुम #मां बन चुकी हो पुराने आशिक की याद और पति के प्यार को छोड़कर तुम अपने बच्चे के लिए सोचोगी अब तुम अपने बच्चे के साथ बिजी रहोगी

मतलब अब तक मैं तुम्हारी जिंदगी से परमानेन्टली डिलीट हो चुका हूं

इधर मुझे भी एक अच्छा काम मिल गया है शादी की बात चल रही है और लड़की भी पसंद हो गई है अब मेरा बिजी टाइम शुरू हो गया अब मैं तुम्हें सचमुच भूल गया हूं अगर किसी जोड़ी को देखता हूं तो तुम्हारी याद आती है लेकिन अब तकलीफ नहीं होती…
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यहां तक सुनने के बाद लड़के ने देखा लड़की की आंख में आंसू छलक रहे हैं लड़की भरी आंखों से लड़के की तरफ देखती है

दोनों बिल्कुल चुप हैं पर आंखे बरस रही हैं थोड़ी देर बाद

लड़की -“तो क्या सब कुछ यहीं खतम हो जाएगा?

लड़का -“नहीं.! किसी बात जब तुम रूठ जाओगी अपने पति से किसी बात पर लेकिन तुम्हारे पति आराम से सो रहे होंगे

पर उस रात तुम्हारी आंखों में नींद नहीं होगी और इधर मैं भी अपनी पत्नी से किसी बात पर खफा होकर तुम्हारी तरह जागूंगा. पूरी दुनिया सो रही होगी सिर्फ हम दोनों के अलावा फिर हम अपने अतीत को याद करके खूब रोएंगे. एक दूसरे को बहुत महसूस करेंगे लेकिन इस बात का भगवान के अलावा और किसी को पता नहीं चलेगा

बस इतना कहकर वो दोनों रोते हुए एक दूसरे को गले लगा लेते हैं

इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है

इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है की हमें प्यार उस लड़की से करना चाहिए जिसे हम हमेसा अपने पास रख पाए , नहीं तो हम अपना समय ख़राब करने के अलाबा कुछ हासिल नहीं कर सकते है

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खामोश बेटी की आवाज

बेटी बनकर आई है। मां बाप के आंगन में कल बसेरा होगा किसके आंगन में आखिर क्यूं? ये रीत भगवान ने बनाई है, कहते हैं आज नहीं तो कल तू पराई होगी। देके जन्म पल पोसकर जिसने हमें बड़ा किया।वक्त आने पर उन्ही हाथो ने हमें विदा किया। बिखर कर रह जाती है हमारी जिंदगी। फिर उस बंधन में हमें प्यार मिले ये जरुरी तो नहीं। क्यूं हमारा रिश्ता इतना अजीव होता है। क्या यही हम बेटियों का नसीब होता है।घर जहां बेटियों का जन्म होता है। दुनियां में आते ही मानो सबके चेहरे मुरझा से गए हों। उसी भेदभाव के साथ की लड़की है,एक दिन बड़े होकर किसी का घर संभालना है,और इसी सोच के साथ उसे शिक्षा से भी दूर रखा जाता है। किताबों के बदले उसे घर के कामों का बोझ सौप दिया जाता हैं। उसके सारे अरमान जो एक उज्जवल भविष्य बनाने के होते हैं।वही अरमान उसी आग में दफन हो जाते हैं। क्या बेटियों को इतना भी हक नहीं दिया गया।की वो अपने परिवार के लिए और उनके साथ आत्म निर्भर बने और बेटा बनकर अपने परिवार को सहयोग करे। जिस परिवार में बेटे नहीं होते उस परिवार में बेटी हो तो कोन सहारा बनेगा उसके मां बाप का। तब वही बेटी या बहू बनकर अपना परिवार संभालती है।चाहें वो मेहनत या मजदूरी करे या कुछ भी अपना फर्ज निभाती है। तो फिर क्यूं ना उसे पड़ा लिखा कर काबिल बनाए आज भी कुछ लोग हैं।जो बेटियों को बोझ समझते हैं।आज भी अधिकांश लोग बेटो को ही सारे हक देते हैं।चाहे वो अपनी जिम्मेदारी समझे या ना समझे या मां बाप के पैसों का गलत उपयोग करें।पर उनकी हर गलतियों को माफ किया जाता हैं। बेटी कभी अपने मां बाप को टूटता नहीं देख सकती वो अपनी सारी खुशियों को मिटा कर अपने परिवार का ध्यान रखती हैं।अपनी जिम्मेदारियों को समझती है,और निभाती भी है,वो दो परिवारों को समेट कर चलती है।अपनी तकलीफ कभी किसी को महसूस तक नहीं होने देती हैं। ऐसी होती हैं,